डिजिटल गिरफ्तारी, जिसे "डिजिटल अरेस्ट स्कैम" भी कहा जाता है, एक प्रकार का ऑनलाइन धोखाधड़ी है जिसमें साइबर अपराधी व्यक्तियों को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे किसी अपराध के लिए गिरफ्तार किए जा रहे हैं, अक्सर यह दावा करते हुए कि उनके पास "डिजिटल गिरफ्तारी वारंट" है. यह धोखाधड़ी व्यक्तियों को डराने और उनसे पैसे या व्यक्तिगत जानकारी निकालने के लिए की जाती है.
डिजिटल गिरफ्तारी का तरीका कुछ इस प्रकार है:
1. धोखाधड़ी:
स्कैमर्स आमतौर पर खुद को सरकारी अधिकारियों, जैसे कि कस्टम अधिकारियों, आयकर विभाग के अधिकारियों, या केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारियों के रूप में पेश करते हैं.
2. धमकी:
वे पीड़ितों को वित्तीय कदाचार, कर चोरी, या अन्य कानूनी उल्लंघनों जैसे विभिन्न कारणों से डिजिटल गिरफ्तारी वारंट की धमकी देते हैं.
3. सोशल इंजीनियरिंग:
स्कैमर्स पीड़ितों को व्हाट्सएप या स्काइप जैसे प्लेटफॉर्म पर वीडियो कॉल पर स्विच करने के लिए कहते हैं.
4. पैसे की मांग:
वे पीड़ितों से "जमानत" या "जुर्माना" भरने के लिए पैसे की मांग करते हैं, या उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए मजबूर करते हैं.
डिजिटल गिरफ्तारी से बचने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि:
अजनबियों पर भरोसा न करें:
किसी भी अजनबी की बातों पर तुरंत विश्वास न करें, खासकर यदि वे आपसे पैसे या जानकारी मांग रहे हैं.
पुष्टि करें:
यदि आपको किसी सरकारी अधिकारी से कोई कॉल या संदेश आता है, तो उस संगठन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या फोन करके पुष्टि करें कि क्या यह वास्तविक है.
संवेदनशील जानकारी साझा न करें:
किसी भी अजनबी के साथ अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि बैंक खाता विवरण या क्रेडिट कार्ड नंबर साझा न करें.
संदेशों को अनदेखा करें:
यदि आपको कोई ऐसा संदेश मिलता है जो आपको डराता है या आपको पैसे देने के लिए मजबूर करता है, तो उसे अनदेखा करें और पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें.
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